सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को सुने गए महत्वपूर्ण मामले
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- May 12, 2023
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सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली सरकार बनाम लेफ्टिनेंट जनरल और शिवसेना बनाम शिवसेना के मामले में संवैधानिक पीठ ने आदेश पारित किया साथ ही समलैंगिक विवाह की क़ानूनी वैधता के मामले में सुनवाई पूरी कर आदेश को सुरक्षित रख लिया।
दिल्ली सरकार बनाम लेफिटनेंट जनरल का मामला
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से दिल्ली सरकार को प्रशासनिक अधिकारीयों की पोस्टिंग और ट्रांसफर करने का अधिकार दिया हालाकि कोर्ट ने भूमि, क़ानून व्यवस्था और पुलिस जैसे कुछ महतवपूर्ण मुद्दों पर फैसले लेने का अधिकार केंद्र के अधीन रखा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब दिल्ली राज्य में सेवाओं पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण होगा। राज्य के विभागों में कार्य कर रहे अधिकारीयों की पोस्टिंग और उनके स्थानांतरण पर दिल्ली सरकार स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकेगी साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल या दिल्ली के उपराजयपाल भूमि, क़ानून एवं व्यवस्था और पुलिस के अलावा सभी मामलों में दिल्ली सरकार के निर्णय से बाध्य होंगे।
शिवसेना बनाम शिवसेना
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण मामले में आदेश पारित किया।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संविधान पीठ ने 16 मार्च को इस मामले में 9 दिनों तक चली सुनवाई पूरी कर आदेश को सुरक्षित रख लिया था। शिवसेना के दो गुटों के बीच पिछले साल जून में हुए विवाद पर सुनवाई पूरी किये जाने के बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में राजयपाल और स्पीकर के निर्णय को ग़लत ठहराया था लेकिन उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट का सामना किये बिना त्यागपत्र दिए जाने के कारण सरकार बहाल करने से इंकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले से जुड़े कोर्ट के 2016 में नबाम रेबिया मामले के आदेश को सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया।
समलैंगिक विवाह की क़ानूनी वैधता
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रविंद्र भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की 10वें दिन सुनवाई पूरी कर आदेश को सुरक्षित रख लिया।