महिला सहकर्मी से डेट पर जाने की मांग करना और उसके फिगर की तारीफ़ करना यौन उत्पीड़न, मुंबई की एक कोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम ज़मानत याचिका की ख़ारिज

महिला सहकर्मी से डेट पर जाने की मांग करना और उसके फिगर की तारीफ़ करना यौन उत्पीड़न, मुंबई की एक कोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम ज़मानत याचिका की ख़ारिज

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  • June 5, 2023
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मुंबई की एक सत्र अदालत ने हाल ही में महिला सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपियों की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी।

कोर्ट ने दो अलग अलग मामलों में आरोपियों की अग्रिम ज़मानत याचिका यह कह कर ख़ारिज कर दी कि जांच के लिए आरोपियों की हिरासत ज़रूरी है।

इस मामले में रियल एस्टेट कंपनी के सहप्रबंधक और बिक्री प्रबंधक के खिलाफ ऑफिस की महिला एग्जीक्यूटिव पर यौन उत्पीड़न का आरोप था। 24 अप्रैल को महिलाओं ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 354, 354A, 354D और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

शिकायत में कहा गया था कि आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़िता की मर्यादा को ठेस पहुंचते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया।

इस मामले में आरोपी कंपनी के सहप्रबंधक ने कथित रूप से अपने ऑफिस की एक महिला सहकर्मी से कहा था कि “मैडम आपने ने खुद को बहुत मेन्टेन कर रखा है, आप का फिगर बहुत अच्छा है, क्या मैम मेरे साथ बहार जाने के बारे में कुछ सोचा कि नहीं ?”

महिला ने ऑफिस में आरोपी की शिकायत करने के बाद पुलिस में मामला दर्ज कराया था।

इस मामले में आरोपी बिक्री प्रबंधक पर आरोप था कि उसके पिता ने शिकायतकर्ता और नियोक्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की है।

2 मई को आरोपियों ने अग्रिम ज़मानत याचिका दायर कर आरोपों से इंकार किया, उनका दावा था कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है।

आरोपियों के पक्ष में उनके वकील ने फहीम अहमद बनाम स्टेट 2023 का हवाला देकर आरोपियों को अग्रिम ज़मानत पर रिहा किये जाने की मांग की थी।

अभियोजन पक्ष ने आरोपियों की अग्रिम ज़मानत याचिका का विरोध किया था। अभियोजन का दावा था कि साक्ष्यों और मामले में पेश गवाहों से स्पष्ट है कि आरोपियों ने 1 मार्च 2023 से 14 अप्रैल 2023 की अवधि में महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया है।

कोर्ट ने इस मामले में पक्षकारों को सुनने के बाद कहा कि निसंदेह आरोपियों का अपराध गंभीर है। इस मामले में याची ने एक अन्य आरोपी के साथ मिल कर कार्यस्थल पर शिकायतकर्ता के प्रति गंदी और अभद्र भाषा का प्रयोग किया और शिकायतकर्ता और नियोक्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की है।

कोर्ट ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहाँ आरोपी को अग्रिम ज़मानत दी जा सके। इस लिए याची / आरोपी के अग्रिम ज़मानत के आवेदन को रद्द किया जाता है।

आदेश यहाँ पढ़ें –

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