सास ससुर सीआरपीसी की धारा 125 के अंतर्गत विधवा बहु से भरणपोषण का दावा नहीं कर सकते : बॉम्बे हाईकोर्ट
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- April 19, 2023
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरणपोषण से संबंधित एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि बेटे की मौत के बाद उसके माता पिता विधवा बहु से भरणपोषण का दावा नहीं कर सकते।
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने यह आदेश दिया है।
जस्टिस किशोर संत की एकल पीठ ने यह आदेश निचली अदालत के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए दिया।
इस मामले में एक विधवा बहु ने लातूर की एक निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
निचली अदालत ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक आदेश में कहा था कि दिवंगत पति की मौत के बाद महिला को अपनी सास व ससुर को भरणपोषण देना होगा।
क्या है मामला ?
इस मामले में याचिकाकर्ता शोभा के पति महाराष्ट्र रोडवेज में काम करते थे। पति की मौत के बाद याचिकाकर्ता मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में काम करने लगी। उसके दिवंगत पति के माता पिता का कहना था कि उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। विधवा के सास ससुर ने सीआरपीसी की धारा 125 के अंतर्गत भरणपोषण का दावा किया था।
याचिकाकर्ता का पक्ष :
याचिकाकर्ता का कहना था कि प्रतिवादी सास और ससुर की चार विवाहित बेटिया हैं। प्रतिवादियों के पास लातूर में 2 एकड़ से अधिक ज़मीन
है और उनका अपना मकान है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसके पति की मौत के बाद उसकी सास को MSRTC की ओर से 1 लाख 88
हज़ार रूपये मिले थे। जिसका उल्लेख प्रतिवादी ने सीआरपीसी की 125 के अंतर्गत आवेदन में नहीं किया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि
सभी चार बेटियों का प्रतिवादियों की जायदाद में हिस्सा है। इस लिए बेटियों को अपने माता पिता का भरणपोषण करना चाहिए।
याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे दिवंगत पति के स्थान पर अनुकम्पा आधारित नौकरी नहीं मिली है।
इस मामले में कोर्ट के समक्ष महत्वपूर्ण प्रश्न यह था कि क्या सीआरपीसी की धारा 125 के अंतर्गत सास ससुर अपनी विधवा बहु से भरणपोषण का दावा कर सकते हैं ?
कोर्ट ने माना कि सास ससुर उपरोक्त धारा के अंतर्गत विधवा बहु से भरणपोषण का दावा नहीं कर सकते।
कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता की नौकरी अनुकम्पा आधारित नहीं है, याचिकाकर्ता के पति की मौत के बाद उसकी सास को MSRTC से 1 लाख 88 हज़ार रूपये मिले थे।
कोर्ट ने इन तथ्यों के आधार पर माना कि इस मामले में प्रतिवादियों का सीआरपीसी की धारा 125 के अंतर्गत याचिकाकर्ता (बहु) से भरणपोषण का दावा उचित नहीं है।
पूरा आदेश यहाँ पढ़ें :-