पशुओं की भी भावनाएं होती हैं, नियमों के खिलाफ और उचित प्रबंधन के बिना उनका स्थानांतरण क्रूरता है : बॉम्बे हाईकोर्ट
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- June 11, 2023
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि इंसानों की तरह पशुओं की भी भावनाएं होती हैं।पशु सिर्फ इंसानों की तरह बोल कर अपनी भावनाएं प्रकट नहीं कर सकते इस लिए उनके अधिकारों की रक्षा के लिए नियम और क़ानून बनाए गए हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पशुओ के साथ क्रूरता के मामले में पुलिस द्वारा ज़ब्त किये गए मवेशियों को उनके मालिकों को वापस सौंपने से इंकार कर दिया।
जस्टिस जी ए सनप की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मवेशियों की अभिरक्षा उनके मालिकों के बजाए एक ग़ैर सरकारी संस्था को सौंपे जाने का आदेश पारित किया है।
इस मामले में पुलिस ने नियमों के खिलाफ पशुओं को स्थानांतरण करते समय पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम की अवहेलना में ज़ब्त कर लिया था। जिसके खिलाफ पशुओं के मालिकों ने निचली अदालत में पशुओं की अभिरक्षा पाने के लिए आवेदन किया था।
निचली अदालत ने मालिकों के आवेदन को ख़ारिज कर दिया था। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पशुओं के मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पशुओं की अभिरक्षा मांगी थी।
इस मामले में प्रतिवादियों का तर्क था कि लग भाग 50 भैंसों को जिनमे दुधारूं भैंसे भी थी अमानवीय रूप से 3 ट्रकों में भर कर ले जाय जा रहा था। सुचना मिलने पर पुलिस ने इन पशुओं को ज़ब्त कर लिया था। प्रतिवादियों का तर्क था कि नियमो को ताक पर रख अमानवीय तरीके से पशुओं का स्थानांतरण किया जा रहा था। पशुओं को अनावश्यक कष्ट और क्रूरता के साथ ले जाया जा रहा था और पशुओं का स्थानांतरण क़ानून और नियमों के खिलाफ था।
याचियों का तर्क था कि उनके पास पशुओं को खरीदने और बेचने का लाइसेंस है और उन्होंने ने इन पशुओं को खरीदा था जिसके बाद वह उन्हें ले जा रहे थे। याचियों ने कहा कि पशुओं के मालिक होने के नाते इन पशुओं को उनके सुपुर्द कर दिया जाना चाहिए।
निचली अदालत ने पशुओं के स्थानांतरण को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 और 192 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 (1) (d) के खिलाफ पाते हुए याचियों की अपील को ख़ारिज कर दिया था।
कोर्ट ने प्रतिवादियों की प्रस्तुति और पशुओं के साथ हुई क्रूरता के दावों को ध्यान में रख कर और ट्रांसपोर्ट नियमों के तहत पशुओं के स्थानांतरण को मानकों और नियमों के खिलाफ पाया।
कोर्ट ने याचियों की अपील ख़ारिज करते हुए उन्हें पशुओं को सौंपने से इंकार कर दिया।
केस- अंसार अहमद कुरैशी व अन्य बनाम स्टेट ऑफ़ महाराष्ट्र (Criminal Writ Petition No. 708/715 of 2022)
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