वक़्फ़ अधिनियम, 1995 की संवैधानिकता को चुनौती, इलाहबाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर माँगा जवाब
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- October 19, 2022
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इलाहबाद हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया आर वेंकटरमणी, एडवोकेट जनरल ऑफ़ यू पी अजय कुमार मिश्रा को नोटिस जारी कर वक़्फ़ अधिनियम, 1995 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब माँगा है।
चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने आशीष तिवारी द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि “क्यूंकि संसद के एक अधिनियम की वैधता को चुनौती दी गयी है, (इस लिए) अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया, एडवोकेट जनरल ऑफ़ यू पी और प्रतिवादी नं 3 को 15 दिसंबर, 2022 के लिए नोटिस जारी किया जाए।”
मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर 2022 को होगी।
याचिका में वक़्फ़ अधिनियम के कुछ प्रावधानों को रद्द करने की मांग की गयी है जो संविधान के अनुच्छेद 14,15, 25, 26, 27, और 300 A का उल्लंघन करते हैं।
याचिकाकर्ता ने अपनी प्रस्तुति में वक़्फ़ अधिनियम की धारा 40 का हवाला दिया है जो वक़्फ़ बोर्ड को किसी भी भूमि के संबंध में जांच करने के लिए अधिकृत करता है यह जानने के लिए कि कोई संपत्ति “वक़्फ़ संपत्ति” है या नहीं।
याचिका में हिन्दुओं और ग़ैर इस्लामिक समुदायों से संबंधित संपत्तियों पर वक़्फ़ अधिनियम के तहत जारी किसी भी अधिसूचना, आदेश, निर्णय, या नियम के लागु न होने के लिए निर्देश देने की मांग कि गयी है।
केस : आशीष तिवारी और अन्य बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया और अन्य (PIL No. 1922 of 2022)
पूरा आदेश यहाँ पढ़ें –