मुसलमानों में बहुविवाह और निकाह -ए – हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पांच जजों की नई संवैधानिक पीठ का गठन करेगा
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- November 24, 2022
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह मुसलमानों में बहुविवाह और निकाह – ए- हलाला की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए पांच जजों की एक नई संवैधानिक पीठ का गठन करेगा।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ से अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस मामले में पांच जजों की एक नई पीठ गठित करने का आग्रह किया था।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय जो इस मामले में याची हैं उन्होंने पीठ से आग्रह किया था कि इस मामले में एक नई पांच जजों की पीठ गठित करने की आवश्यकता है क्यूंकि इस मामले की पूर्व में सुनवाई कर रही जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ अब रिटायर हो चुकी है।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस सुधांशु धुलिया वाली पांच जजों की पीठ ने 30 अगस्त को इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पार्टी बना उनसे प्रतिक्रिया मांगी थी।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस हेमंत गुप्ता के रिटायर होने के बाद इस मामले में दायर याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक नई संवैधानिक पीठ के गठन की आवश्यकता थी।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ” हम नई पीठ का गठन करेंगे।”
ग़ौरतलब है कि मुसलमानों में बहुविवाह और निकाह -ए – हलाला के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।
याचिकाओं में बहुविवाह और निकाह -ए-हलाला को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने के निर्देश देने की मांग की गई है।