सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की असदुद्दीन ओवैसी पर हमले के आरोपियों की ज़मानत
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- November 11, 2022
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सप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की चलती कार में गोली चलाने के आरोपी दो लोगों को दी गई जमानत रद्द कर दी है।
जस्टिस एम आर शाह और एम एम सुंद्रेश की पीठ ने आरोपियों को एक सप्ताह के अंदर संबंधित कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया है कि मामले को नए सिरे से निपटाने के लिए हाई कोर्ट वापस भेजा जाए जिसे चार सप्ताह में पूरा किया जाना है।
सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष का कहना था कि आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है इस लिए हाई कोर्ट द्वारा दी गयी ज़मानत के आदेश को रद्द न किया जाए।
ओवैसी की ओर से अधिवक्ता का कहना था कि इस मामले में चार चश्मदीद गवाह हैं। सी सी टीवी रिकॉर्डिंग में एक आरोपी कार से बहार आकर गोली चलाते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। आरोपी की जैकेट का रंग भी पहचान लिया गया है जो उसने घटना के दिन पहन रखी थी।
ओवैसी का का तर्क था कि पीड़ित के रूप में उन्हें सुने बग़ैर हाई कोर्ट ने आदेश पारित कर दिया था।
पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश में कोई तर्क नहीं दिया था।पीठ ने माना कि हाई कोर्ट द्वारा ज़मानत देते समय न तो प्रथम दृष्टया कोई राय दी गई है और न ही जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री जो कि आरोप पत्र का हिस्सा है उस पर विचार किया गया है।
इस मामले में हाई कोर्ट द्वारा आरोपियों को ज़मानत देने का आदेश रद्द किये जाने योग्य है।
ग़ौरतलब है कि इस साल 3 फरवरी को ए आई एम आई एम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर उत्तर प्रदेश के चुनाव के दौरान हमला हुआ था। हापुड़ टोल प्लाजा से गुज़रते समय दोनों आरोपियों ने उनकी चलती कार पर गोलियां चलाई थीं। हालांकि हमले में ओवैसी को कोई क्षाति नहीं पहुंची थी।
एक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया था जबकि दूसरे आरोपी ने बाद में समर्पण किया था। दोनों आरोपियों पर आई पी सी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में आरोप पत्र दाखिल कार दिया गया था।