सुप्रीम कोर्ट ने बुआ द्वारा गोद ली गई नाबालिग बच्ची की अभिरक्षा पिता को दिए जाने के उड़ीसा हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
- Hindi
- June 25, 2023
- No Comment
- 1033
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उड़ीसा हाई कोर्ट के एक आदेश पर रोक लगाते हुए एक नाबालिग बच्ची की अभिरक्षा उसके पिता को बहाल किए जाने का निर्देश दिया है।
जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह आदेश एक मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमे उड़ीसा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
दरअसल इस मामले में एक 12 साल की बच्ची के पिता ने बच्ची की अभिरक्षा के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। पिता का दावा था कि बच्ची को उसकी बहन, भतीजी और भतीजी के पति ने ग़ैरक़ानूनी रूप से क़ैद कर रखा है। पिता ने इस मामले में कोर्ट से बंदी प्रत्यक्षीकरण (habeas corpous Writ) रिट जारी कर बच्ची को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्देश देने की मांग कर बच्ची की अभिरक्षा मांगी थी।
वहीँ दूसरे पक्ष का तर्क था कि बच्ची उनके साथ पटना में पली बढ़ी है और वे बच्ची के दत्तक माता पिता हैं। उनका दावा था कि पिता ने अपनी बहन को बच्ची गोद में दी थी। उनका कहना था कि याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी की दो जुड़वाँ बच्चियां थीं और उनके पास बच्चियों के पालन पोषण के लिए कोई संसाधन नहीं था इस लिए उन्होंने एक बच्ची को गोद में देने का फैसला किया था। उनका कहना था कि याचिकाकर्ता की बहन बच्ची की मुस्लिम रिवाज के तहत किफ़ालत कर रही है।
हाई कोर्ट ने बच्ची की अभिरक्षा को किशोर न्याय (बालकों की देख रेख और संरक्षण) अधिनियम और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत न पाते हुए प्रतिवादियों के तर्क को ख़ारिज कर बच्ची के पिता को बच्ची की अभिरक्षा दिए जाने का निर्देश दिया था।
इस मामले में हाई कोर्ट के अपेक्षित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का निर्देश जारी करते हुए अगले आदेश तक बच्ची की अभिरक्षा पिता को दिए जाने का निर्देश दिया।
केस टाइटल : शाज़िया अमन खान व अन्य बनाम स्टेट ऑफ़ उड़ीसा Petition(s) for Special Leave to Appeal (Crl.) No(s). 7290/2023
आदेश यहाँ पढ़ें –