राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को निषेधाज्ञा का आदेश पारित करने का नहीं है अधिकार : मद्रास हाईकोर्ट

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को निषेधाज्ञा का आदेश पारित करने का नहीं है अधिकार : मद्रास हाईकोर्ट

  • Hindi
  • May 6, 2023
  • No Comment
  • 1105

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की शक्ति के संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि आयोग को प्राप्त शिकायतों की जांच का अधिकार तो है लेकिन उसे किसी अंतरिम या स्थायी निषेधाज्ञा देने का अधिकार नहीं है।

कार्यवाहक चीफ जस्टिस टी राजा और जस्टिस डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने आयोग द्वारा 18 अक्टूबर 2022 में पारित किये गए एक अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया जिसमे हिन्दू रिलीजियस चैरिटेबल एंडोमेंट विभाग द्वारा मंदिर की भूमि पर चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगा दी गई थी।

हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आयोग के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता का तर्क था कि आयोग के पास ऐसा आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है।

याचिकाकर्ता का तर्क था कि इस मामले में प्रतिवादी संख्या 3 सहित 10 अन्य लोगों को संबंधित विभाग द्वारा तमिलनाडु हिन्दू रिलीजियस चैरिटेबल एंडोमेंट्स एक्ट 1959 की धारा 78 के तहत मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया गया था लेकिन प्रतिवादी संख्या 3 ने आयोग के समक्ष शिकायत कर दावा किया था कि उसे विभाग द्वारा केवल इसलिए निशाना बनाया गया था क्योंकि वह अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित था।

कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता ने अपनी प्रस्तुति में ऑल इंडिया इंडियन ओवरसीज बैंक एससी और एसटी कर्मचारी कल्याण संघ बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया व अन्य 1996 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि संविधान के अनुच्छेद 338 (8) अंतरिम निषेधाज्ञा का आदेश देने के लिए आयोग को कोई विशिष्ट या विशद शक्ति प्रदान नहीं की है।

हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया इंडियन ओवरसीज बैंक एससी और एसटी कर्मचारी कल्याण संघ बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया व अन्य 1996 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पर भरोसा जताते हुए कहा कि हालाकि आयोग के पास सिविल कोर्ट की शक्तिया हैं लेकिन उसके पास अस्थायी या स्थायी निषेधाज्ञा देने की शक्ति नहीं है।

कोर्ट ने माना कि 18 अक्टूबर 2022 के अंतरिम निषेधाज्ञा के आदेश को पारित करने के लिए आयोग के पास अधिकार क्षेत्र का अभाव है।
कोर्ट ने आयोग के आक्षेपित आदेश को रद्द करने का आदेश पारित किया।

केस : जयराम टीएम बनाम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व अन्य (WP NO. 2530 / 2023)

पूरा आदेश यहाँ पढ़ें :-

Related post

No Hereditary Right To Be Appointed As Archak/Sthanikam In Temples- Madras High Court

No Hereditary Right To Be Appointed…

No Hereditary Right To Be Appointed…
सुप्रीम कोर्ट सेंथिल बालाजी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर 21 जून को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट सेंथिल बालाजी के खिलाफ…

सुप्रीम कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय(ED) द्वारा मद्रास…
Madras High Court Quashes Final Report As No Ingredients Of Sec. 420 IPC Are Found Against Applicant

Madras High Court Quashes Final Report…

Madras High Court Quashes Final Report…
Madras High Court Refuses Review And Upholds Its Order Granting Salary Since The Date Of Initial Appointment.

Madras High Court Refuses Review And…

Madras High Court Refuses Review And…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *