दिल्ली हाईकोर्ट का डिटेंशन सेंटर में बंद एक रोहिंग्या शरणार्थी को तत्काल चिकित्सा सहायता दिए जाने का आदेश
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- May 23, 2023
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दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र औऱ एफआरआरओ (FRRO) को दिल्ली के एक डिटेंशन सेंटर में बंद रोहिंग्या शरणार्थी को तत्काल चिकित्सा सहायता दिए जाने का निर्देश दिया है।
इस मामले में एक 23 साल की रोहिंग्या शरणार्थी सेनोरा बेगम ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डिटेंशन सेंटर से रिहाई की मांग की है।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अधिकारीयों से शुक्रवार तक बेगम की चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दिया है साथ ही अधिकारीयों को आगाह किया है कि बेगम व अन्य बंदियों को उचित भोजन उपलब्ध कराने में कोई लापरवाही न की जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से उसके वकील ने कोर्ट को बताया कि बेगम और उसका पति म्यांमार से भाग कर शरण लेने भारत आ गए थे लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया था और पिछले साल जून से वह एक डिटेंशन सेंटर में बंद हैं।
कोर्ट के समक्ष प्रस्तुति में कहा गया कि बेगम अभी नागरिकताहीन है और म्यांमार सरकार ने उसे मान्यता देने से इन्कार कर दिया है।
कोर्ट को सूचित किया गया कि याचिकाकर्ता अभी बहुत बीमार और कमज़ोर है। साथ ही डिटेंशन सेंटर की स्थिति अमानवीय है।
दूसरी ओर इस मामले में सरकार का कहना है कि म्यांमार के अधिकारीयों से इस संबध में संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया है लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। शरणार्थियों को डिटेंशन सेंटर में इस लिए रखा गया है ताकि आवश्यकता पढ़ने पर उन तक पंहुचा जा सके और डिटेंशन सेंटर में बंद शरणार्थियों को निर्धारित मानदंडों के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद केंद्र और एफआरआरओ (FRRO) को नोटिस जारी कर बेगम का इलाज कराए जाने का निर्देश दिया है।
इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।