केवल पशु को अपने पास रखना या राज्य के भीतर इसकी ढुलाई करना यू पी गोवध अधिनियम के तहत अपराध नहीं: इलाहबाद हाईकोर्ट
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- June 7, 2023
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इलाहबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में यू पी गोवध अधिनियम के तहत जेल में बंद एक आरोपी की ज़मानत पर सुनवाई करते हुए कहा कि केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक गाय का परिवहन इस अधिनियम की धारा 5 के दायरे में नहीं आएगा।
जस्टिस विक्रम डी चौहान ने आरोपी को ज़मानत देते हुए कहा कि इस मामले में राज्य द्वारा ऐसी कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं की गई जिस से यह पता लगे कि आवेदक / आरोपी ने गाय का वध किया है या उसे वध के लिए पेश किया है।
कोर्ट ने कहा कि केवल जीवित गाय / बैल को अपने पास रखना इस अधिनियम के तहत अपराध करने, उकसाने या अपराध का प्रयास करने की श्रेणी में नहीं आता है।
कोर्ट ने कहा कि केवल गाय का एक स्थान से दूसरे स्थान तक राज्य के भीतर परिवहन यू पी गोवध अधिनियम 1956 की धारा 5 के दायरे में नहीं आएगा।
कोर्ट के समक्ष आवेदक की ओर से वकील ने प्रस्तुति में कहा कि ऐसा कोई सुबूत नहीं है जो आवेदक को कथित अपराध से जोड़ता हो और इस मामले में दो सह आरोपियों को हाई कोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है। आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है ऐसे में अगर आवेदक को ज़मानत मिलती है तो वह इस स्वतंत्रता का दुरूपयोग नहीं करेगा और अदालत की कार्यवाही में सहयोग करेगा।
अभियोजन पक्ष ने हालांकि आवेदक की ज़मानत का विरोध तो किया लेकिन ऐसा कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किया जिस से आवेदक का कृत्य इस अधिनियम के तहत अपराध करने की श्रेणी में आता हो।
कोर्ट ने ‘ज़मानत एक नियम और जेल एक उपवाद‘ के सिद्धांत को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 21 की कसौटी पर दी गई मान्यता और सत्येंद्र कुमार अंतिल बनाम सी बी आई व अन्य 2022 के मामले में उक्त सिद्धांत को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोहराये जाने के मद्देनज़र इस मामले में यू पी गोवध अधिनियम 1964 (UP Prevention Cow Slaughter Act 1964) की धारा 3, 5A, 5B, 8 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (Prevention to Animal Cruelty Act 1960) की धारा 11 के तहत आरोपी कुंदन यादव को ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
केस – कुंदन यादव बनाम स्टेट ऑफ़ यू पी (Criminal Misc. Bail Application No. – 23297 of 2023)
आदेश यहाँ पढ़ें –