सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश की भाजपा विधायक दासंगलू पुल को दी अंतरिम राहत, गुवाहाटी हाईकोर्ट के सदस्यता निरस्त करने के आदेश पर लगाई रोक
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- May 15, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश की भाजपा विधायक दासंगलू पुल को अंतरिम राहत दी है जिनकी विधान सभा की सदस्यता को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने पुल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है।
दासंगलु पुल अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की तीसरी पत्नी हैं। अपने पति की मौत के बाद 2016 में हुए उपचुनाव में अनाजव ज़िले की हायुलियांस सीट से दासंगलू पुल ने जीत दर्ज की थी। 2019 के विधान सभा चुनाव में वह पुनः निर्वाचित हुई थीं।
2019 के चुनाव में पुल ने कांग्रेस उम्मीदवार लुपालाम करी को हराया था। करी ने उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी। उनका आरोप था कि पुल ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में अपनी संपाति से जुडी जानकारियां छुपाई हैं।
पुल पर आरोप था कि उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपने पति की 6 संपत्तियों जो मुंबई और अरुणाचल प्रदेश में हैं उनका ज़िक्र नहीं किया है।
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने माना था कि पुल ने जनप्रतिनिधि क़ानून की धारा 33 के तहत अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत नहीं किया था। जिसके बाद कोर्ट ने जनप्रतिनिधि क़ानून की धारा 36 (2) (a) के तहत उनके चुनाव को निरस्त कर दिया था।
गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पुल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
पुल का तर्क था कि यह संपत्तियां उनके पति की पहली पत्नी की हैं ऐसे में चुनावी हलफनामे में वह उन्हें अपना कैसे बता सकती हैं।
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने पुल को अंतरिम राहत देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर 2023 को निर्धारित की है।
पीठ ने कहा कि इस दौरान उनके निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव नहीं होना चाहिए। साथ ही पुल विधान सभा की सदस्य के रूप में सभी विशेषाधिकारों की हक़दार होंगी। वह सदन और समितियों की सभी कार्यवाही में भाग ले सकेंगी। लेकिन पुल सदन में और सदस्य के रूप में जिन समितियों में भाग लेती हैं अपने मत का प्रयोग नहीं कर सकेंगी।