दिल्ली सरकार बनाम उपराजयपाल (एलजी) : आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
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- May 11, 2023
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सुप्रीम कोर्ट में आज पांच जजों की संविधान पीठ दिल्ली सरकार बनाम उपराजयपाल के मामले में अपना फैसला देगी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संविधान पीठ ने 18 जनवरी को इस मामले की सुनवाई पूरी कर आदेश को सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने याचिका दायर कर सेवाओं के नियंत्रण का अधिकार माँगा था।
क्या है विवाद ?
दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच समय समय पर टकराओ की स्थिति बनी रहती है।
दिल्ली में सेवाओं यानी प्रशासनिक अधिकारीयों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है। दिल्ली में इन अधिकारीयों की पोस्टिंग और ट्रांसफर केंद्र सरकार के अधीन है।
4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र बनाम दिल्ली के मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया था जिसके तहत भूमि और पुलिस जैसे मामलों को छोड़ कर दिल्ली सरकार को अन्य सभी मामलों में सर्वोच्चता दी गई थी।
दिल्ली सरकार का तर्क था कि प्रशासनिक अधिकारीयों पर नियंत्रण के बिना राज्य सरकार के प्रशासनिक कार्यों में बाधाएं आती हैं। इस लिए दिल्ली सरकार का इन पर नियंत्रण आवश्यक है।
केंद्र ने गवर्नमेंट ऑफ़ एनसीटी ऑफ़ दिल्ली एक्ट (GNCTD Act) में हुए संशोधन का हवाला देकर तर्क दिया था कि दिल्ली एक राष्ट्रीय राजधानी है। जिसे एक पूर्ण राज्य की सरकार जैसे अधिकार नहीं दिए जा सकते।
फिर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने 14 फरवरी 2019 को इस मामले में आदेश पारित किया था।
लेकिन लेकिन दोनों जजों का मत अलग अलग था। इस लिए मामले को आगे की सुनवाई के लिए 3 जजों की पीठ के समक्ष भेज दिया गया था। लेकिन केंद्र ने मांग की थी कि इस मामले की सुनवाई एक बड़ी पीठ के समक्ष की जाए।
अंत में 6 मई 2022 को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 जजों की संवैधानिक पीठ के समक्ष इस मामले को सुनवाई के लिए भेज दिया गया था।
पीठ ने 18 जनवरी को इस मामले की सुनवाई पूरी कर आदेश को सुरक्षित रख लिया था। पीठ आज इस मामले में फैसला देगी।