सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जज की नियुक्ति से संबंधित ख़ुफ़िया ब्यूरो की रिपोर्ट को फिर किया ख़ारिज
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- May 5, 2023
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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जजों की नियुक्ति से संबंधित ख़ुफ़िया ब्यूरो की आपत्ति को एक बार फिर ख़ारिज कर दिया है।
ताज़ा मामला एडवोकेट फिरदौस फ़िरोज़ पूनावाला की बॉम्बे हाई कोर्ट मे जज के रूप मे नियुक्ति की सिफारिश से जुड़ा है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ख़ुफ़िया ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट को ख़ारिज कर एडवोकेट फिरदौस फ़िरोज़ पूनावाला को बॉम्बे हाई कोर्ट मे जज के पद पर नियुक्ति की सिफारिश की है।
ख़ुफ़िया ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट मे 2020 मे देश मे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर पूनावाला के सीनियर द्वारा की गई टिपण्णी को आधार बना कर पूनावाला की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।
कॉलेजियम ने ख़ुफ़िया ब्यूरो की आपत्ति के बारे मे कहा कि रिपोर्ट के अनुसार पूनावाला पहले एक सीनियर एडवोकेट के तहत काम किया करते थे। उनके सीनियर ने 2020 मे कथित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन से संबंधित एक लेख के माध्यम से टिपण्णी की थी।
कॉलेजियम ने कहा कि चूंकि वह टिपण्णी पूनावाला के एक पूर्व सीनियर द्वारा की गई थी उसका पूनावाला की व्यक्तिगत योग्यता और क्षमता से कोई संबंध नहीं है और पूनावाला की बॉम्बे हाईकोर्ट मे जज के रूप मे नियुक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कॉलेजियम ने ख़ुफ़िया ब्यूरो की आपत्ति के जवाब मे यह भी कहा कि एक जूनियर और सीनियर एडवोकेट के बीच एम्प्लाई और एम्प्लॉयर का संबंध नहीं होता। यदि कोई जूनियर किसी सीनियर के मातहत काम करता है तब भी वह स्वतंत्र रूप से काम कर सकता है।
कॉलेजियम ने ख़ुफ़िया ब्यूरो की रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा कि ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट मे माना है कि पूनावाला की व्यक्तिगत और व्यवसायिक छवि अच्छी है साथ ही उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
ग़ौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जजों की नियुक्ति के संबध मे ख़ुफ़िया विभाग की आपत्ति को ख़ारिज किया है।
कॉलेजियम ने इस साल जनवरी मे भी सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल, एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन और एडवोकेट जॉन सत्यन के संबंध मे ख़ुफ़िया ब्यूरो की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए सभी आपत्तियों का जवाब दिया था।