राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बुज़ुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी उपलब्ध करें: सुप्रीम कोर्ट
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- October 7, 2022
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सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बुज़ुर्गों की देख-रेख से संबंधित जिला स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का निर्देश दिया है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बुज़ुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित तीन विषयों बुज़ुर्गों की पेंशन, जिला स्तरीय वृद्धाश्रम और जेरिएट्रिक केयर की जानकारी देने करने का निर्देश दिया है।
शीर्ष न्यायालय वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा था। कुमार ने अपनी याचिका में देश भर में प्राथमिक स्वस्थ सुविधाओं वाले वृद्धा आश्रम स्थापित करने की मांग की है। अपनी याचिका में कुमार ने मेंटीनेन्स एंड वेलफेयर ऑफ़ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिज़न्स एक्ट, 2007 के प्रभावी रूप से कार्यान्वयन की मांग भी की थी।
पीठ ने आदेश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्यों में कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
शीर्ष न्यायालय के निर्देश के अनुसार दो महीने के अंदर सभी संबंधित राज्योँ और केंद्र शासित प्रदेशों से जानकारी उपलब्ध होने के बाद भारत सरकार द्वारा एक संशोधित स्टेटस रिपोर्ट एक महीने के बाद दाखिल की जाएगी।
संशोधित रिपोर्ट राज्यों में मेंटीनेन्स एंड वेलफेयर ऑफ़ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिज़न्स एक्ट 2007 के कार्यान्वयन से संबंधित वर्तमान स्थिति को भी उजागर करेगी।
शीर्ष न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी।
क्या है मेंटीनेन्स एंड वेलफेयर ऑफ़ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिज़न्स एक्ट, 2007?
भारत सरकार द्वारा 2007 में अधिनियमित “मेंटीनेन्स एंड वेलफेयर ऑफ़ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिज़न्स एक्ट” का उद्देश्य सीनियर सिटिज़न्स को आर्थिक सुरक्षा, कल्याण और सुरक्षा प्रदान करना है।
इस अधिनियम के अंतर्गत बच्चों द्वारा माता पिता को भरण पोषण उपलब्ध कराने का प्रावधान है। सरकार द्वारा सीनियर सिटिज़न्स को वृद्धा आश्रम और स्वस्थ सुविधाएं उपलब्ध करना सुनिश्चित किया जाता है।